बहुत ही शानदार प्रस्तुति "मत जाना इस चमक पर" शायरी पढ़ें हिंदी में
"मत जाना इस चमक पर..."
ये चमकती हुई दुनिया पर मत जाना,
हर चीज़ यहां सोना नहीं होती।
जो मुस्कराते हैं महफिलों में अक्सर,
उनकी आंखें भी रोया करती हैं छुप-छुप के।
यहां नकाबों की कीमत चेहरे से ज़्यादा है,
सच बोलने की सज़ा तन्हाई होती है।
जो दिखता है वो अक्सर होता नहीं,
और जो होता है, वो दिखाया नहीं जाता।
मत कर भरोसा हर रोशनी पर,
कुछ चिराग़ जलते हैं बस जलने के लिए।
इस भीड़ में खुद को ढूंढना मुश्किल है,
क्योंकि हर इंसान, खुद में अकेला होता है।

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