पढ़ें शानदार पंक्तियो में कविता "भाजी वाला आया रे!" । bhaji wala हिंदी में
"भाजी वाला आया रे!"
👉 सुबह-सुबह गली में, देता सबको पुकार,
➡️ "आलू-टमाटर ले लो!", जैसे गाए ग़ज़ल सिंगार।
👉 ठेले पर सब्ज़ी लिए, साइकिल उसकी शान,
➡️ दादी-नानी जग उठें, सुन उसकी पहचान।
👉 भिंडी-तरबूज-करेला, करता रोज़ बखान,
➡️ प्याज महंगा देखके, भर लेता वो प्राण। 🧅💥
👉 चारों ओर से आवाज़ें – “भैया! रेट घटाओ,”
➡️ महंगाई के मारे सब, सैलरी का हाल सुनाओ। 😩
👉 प्याज-टमाटर झकास भाव, करें बजट तहस-नहस,
➡️ आंटी बोली – “इस दाम पे तो घर का क्या रहस्य?” 🍅
👉 भाजी वाला हँसके कहे – “बहना मैं भी हार,
➡️ मंडी वाले दाम पे तो, मेरी भी आँखें झार।”
👉 हर सौदे में मुस्काए, हर आंटी को मात,
➡️ मोलभाव का देता जवाब, चुटकुलों के साथ।
👉 बोले – “आपके लिए तो करता हूँ प्यार कमाल,
➡️ उधार न लिखवाना बहनजी, EMI है बवाल।” 😄
👉 धूप हो या बारिश, नहीं रुकता ये काम,
➡️ उसके ठेले पे ही मोहल्ला, पाता रोज़ आराम।
👉 थैले में सब्ज़ी भरे, दिल में रखे दुआ,
➡️ गली-गली फिरते हुए, सजाता जीवन-सुख का हुआ।
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