आज छुट्टी है!"कविता HOLIDAY KAVITA
"आज छुट्टी है!"
(ऑफिस वर्कर स्पेशल)
सुबह अलार्म भी चुप है, नींद भी पास है,
क्योंकि आज ऑफिस की छुट्टी का एहसास है।
न लैपटॉप बोले, न मीटिंग की मार है,
आज सिर्फ तकिए, रजाई और आराम हजार है।
न बॉस का कॉल, न कोई मेल की घंटी,
आज दिन भर चलेगी सिर्फ टीवी और चाय की तस्करी।
न फाइल, न टेंशन, न कोई Excel की सजा,
आज तो मन करेगा फिर से बचपन जिया जाए ज़रा।
कभी नहाना टलेगा, कभी किचन से बहाना चलेगा,
"मैं बिज़ी हूँ" कहकर, सोफे पे आलस पलेगा।
कसम से! जो भी कहे छुट्टी बेकार होती है,
उसे एक वर्क फ्रॉम होम वीकेंड की दरकार होती है।

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