BEST गांव की शायरी । Bachpan ki best kavita, KAVITA PADHE HINDI ME । बचपन की यादें ताजा करें कुछ चंद लाईनों में
Childhood Memories Shayari | बचपन की यादें शायरी PADHE
"मुझे गांव बुला रहा है
Bachpan ki best kavita
मेरा मन नहीं लगता अब दिल्ली की सड़कों में,
हर ओर धूल है, शोर है, पर सुकून कहीं नहीं।
लाल बत्तियों पर भीड़ है, और रास्तों पर दौड़,
पर मेरे अंदर एक गहरी ख़ामोशी सी जम गई है।
दिल्ली में दिन भागते हैं और रातें जगती हैं,
मगर दिल — बस एक पुराने कुएं की तरह सूखा है।
मेट्रो की रफ्तार है, पर यादें वहीं अटकी हैं,
जहां बैलगाड़ी की रफ्तार में भी चैन था।
मुझे आ रहा है गांव, मुझे याद आ रही है छांव,
जहां नीम की छाया में दोपहरें सो जाती थीं।
जहां माँ के हाथ की रोटी में नमक नहीं — ममता होती थी,
और बाबूजी की खामोशी में पूरी दुनिया की समझ।
दिल्ली ने सब कुछ दिया — नाम, काम, शोहरत, पहचान,
पर वो मिट्टी... वो मिट्टी अब भी मेरी सांसों में है।
गांव का कुआं, पीपल की पत्ती, सावन की बूँदें,
अब भी अंदर कहीं गूंजते हैं —
“चल लौट चलें…” 🌿
**राकेश प्रजापति**
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