special Romantic shayari, स्पेशल प्यार भरी रोमांटिक शायरी पढ़ें हिंदी में "ब्याज समेत चुका दूँगा पाई पाई।"
स्पेशल शायरी, दर्द भरी शायरी
🌙 मुकम्मल ग़ज़ल
कोई मेरा हिसाब न ले प्यार का,
ब्याज समेत चुका दूँगा पाई पाई।
इश्क़ वो दरिया है गहराई का,
जिसमें डूबा मिले ख़ज़ाना पाई पाई।
दुनिया ने तोल लिया रिश्तों को,
मैंने लुटाया यक़ीं भी पाई पाई।
मोहब्बत अगर बन गई है बाज़ार,
तो मैं बेच दूँगा वफ़ा भी पाई पाई।
प्यासा समंदर भी भर जाएगा,
जब तू बाँट दे सच्चाई पाई पाई।
जिसने समझा नहीं दिल की क़ीमत,
वो गिनता रहा कमाई पाई पाई।
हमने चाहा था सिर्फ़ तेरा साथ,
वरना बाकी तो है रुसवाई पाई पाई।

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