पढ़ें DIL को खुश कर देने वाली बहुत ही शानदार Romantic Shayari कविता शहरों में बसी मोहब्बत एक खास अंदाज में जो दिल में उतरती चली जाए
🌙 मेरे भारत के शहरों में बसी मोहब्बत 🌙
तेरी आँखों की चमक है जैसे जयपुर,
तेरी हंसी की मिठास है जैसे नागपुर,
तेरे बिना अधूरा सा लगता है दिल,
हर ख़्वाब ठहर जाता है कानपुर।
तेरी चाहत का जादू है जैसे इंदौर,
तेरे लफ़्ज़ों की नरमी है जैसे भोपाल की भोर,
तेरे बिना वीरान से लगते हैं रास्ते,
तेरे नाम से सजता है उदयपुर।
तेरी यादों की महक है जैसे सूरत,
तेरी तस्वीर की रौनक है जैसे बरेली की मूरत,
तेरे बिना तन्हा तन्हा लगता है मन,
सुकून मिलता है बस लखनऊ की सूरत।
तेरे होने की चमक है जैसे अहमदाबाद,
तेरी ख़ामोशी की गहराई है जैसे हैदराबाद,
तेरे बिना हर लम्हा अधूरा लगे,
तेरे होने से रौशन है इलाहाबाद।
तेरे लम्हों की रौनक है जैसे मुंबई,
तेरे बिना वीरान लगे चंडीगढ़ की गली,
तेरी मोहब्बत की धूप हर जगह फैली,
जैसे रंग बिखेरता हो जयपुर कभी।
तेरी आँखों का काजल है जैसे कोलकाता,
तेरी मासूम हंसी का रंग है जैसे पटना,
तेरे बिना सब सूना सूना लगता है,
दिल हर बार पुकारे तुझे दिल्ली।
तेरे इश्क़ की रोशनी है जैसे अमृतसर,
तेरे बिना हर लम्हा हो जाता है बेअसर,
तेरी मोहब्बत का दरिया बहता है,
जैसे सुनहरी रेत चमके जोधपुर।
तेरी बातों का मीठापन है जैसे वाराणसी,
तेरे बिना वीरान लगे जैसे ग्वालियर की गली,
तेरी यादों का कारवां संग चलता है,
जैसे सपनों की डोर खिंचे अलीगढ़ चली।
तेरी चाहत का रंग है जैसे राजकोट,
तेरे बिना उदास लगे हर धड़कन की मेरठ की नोट,
तेरे नाम का नूर चमकता है,
जैसे चाँद मुस्कुराए ऊपर से जम्मू की ओट।
तेरे बिना तन्हा तन्हा लगे कटक,
तेरी यादों का साया है जैसे रांची का झटका,
तेरे बिना ये रूह अधूरी लगे,
तेरे साथ ही बसता है लुधियाना।
तेरी मुस्कान की मिठास है जैसे मैसूर,
तेरी चाहत का आलम है जैसे जयपुर का नूर,
तेरे बिना सब अधूरा सा लगता है,
तेरे इश्क़ में रोशन है कानपुर।
तेरी मोहब्बत का एहसास है जैसे हमीरपुर,
तेरे बिना अधूरी है हर गली बुंदेलखंड का नूर,
तेरे नाम से ही सजती है यह दुनिया,
दिल की धड़कन पुकारे तुझे हमीरपुर।
तेरे लफ़्ज़ों की गूंज है जैसे झाँसी,
तेरी आँखों का जादू है जैसे चित्रकूट की बस्ती,
तेरे बिना वीरान है दिल की गलियाँ,
तेरे इश्क़ का सफ़र लगता है मिठाई की चाशनी
तेरी यादों का बसेरा है बांदा की शाम,
तेरे बिना तन्हा तन्हा है हर एक मुकाम,
तेरे इश्क़ की खुशबू महके हर ओर,
जैसे रूह बसी हो ओरछा की नाम।
तेरे बिना सूनी लगती है कानपुर देहात की डगर,
तेरे साथ ही खिल उठता है बुंदेलखंड का सफ़र,
तेरी मोहब्बत का रंग कभी फीका न पड़े,
तेरे नाम से रोशन है झाँसी का नगर।
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