अकड़ और Attitude शायरी: मेरी लाइफ मेरी मर्जी
"भाईगिरी × अकड़ शायरी – Part 1 | ATTITUE SHAYRI
मत पूछो मैं कैसे रहता हूँ — हरदम कॉलर टाइट और अपनी मर्जी से जीता हूँ। पढ़िए ये मज़ेदार और दमदार शेर जो दिखाता है असली Attitude।
मत पूछो मैं कैसे रहता हूँ,
हरदम कॉलर टाइट करके रहता हूँ,
मुझे मत समझो ऐसा वैसा
घाट-घाट का पानी पीकर बैठा हूँ।
मत पूछो मैं कैसे रहता हूँ,
मै मेरी लाइफ मेरी मर्जी से जीता हूँ
मूछों में ताव और बुलेट से चलता हूं
मत पूछो मैं कैसे रहता हूँ,
घाट-घाट का पानी पीकर बैठा हूँ।
अकड़ है मेरे रोम-रोम में,
इसलिए तो मैं अकड़ में रहता हूँ।
भीड़ में नहीं, अलग पहचान बनाकर
हर महफिल में अकेला चलता हूँ।
मै बेवड़ा नहीं हूं तेरे जैसा
मै लिमिट में पीता हूं और
अनलिमिटेड जीता हूं
दुश्मन चाहे जितनी चाल चले,
मैं हर बार चुपचाप जीतता हूँ।
औकात में रहो बस यही सलाह है,
वरना जहां खड़ा होता हूँ,
वहीं राजा रहता हूँ।
मत पूछो मैं कैसे रहता हूँ,
हरदम कॉलर टाइट करके रहता हूँ,
मुझे मत समझो ऐसा वैसा
घाट-घाट का पानी पीकर बैठा हूँ।
मत पूछो मैं कैसे रहता हूँ,
घाट-घाट का पानी पीकर बैठा हूँ।
मत पूछो मैं कैसे रहता हूँ,
मत पूछो मैं कैसे रहता हूँ,
मत पूछो मैं कैसे रहता हूँ,
नोट:अगर पसंद आए तो comment लिखें और दोस्तों को शेयर करें
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें