EK ALAG ANDAAJ ME PADHE दोस्ती कविता । FRIENDSHIP KAVITA
राकेश प्रजापति शैली में एक नई कविता PADHE
दोस्ती
—राकेश प्रजापति शैली में एक नई कविता
वो दोस्ती अब चैट बॉक्स में रहती है,
पलकों पे नहीं, इनबॉक्स में बहती है।
पहले जो आंखों से हाल जान लेते थे,
अब "Seen" का जवाब भी हफ्तों में देते हैं।
दोस्ती थी वो जब बारिश में भीगते थे साथ,
अब वीडियो कॉल में छतरी दिखाते हैं हाथ।
बचपन की गली, मिट्टी की सौंधी खुशबू,
अब GPS से मिलने का तय होता है रूप।
2025 की दोस्ती में DP है मुस्कान,
पर अंदर है कोई अनकही पहचान।
स्माइली भेजते हैं गले लगने की जगह,
और "Miss You" टाइप करते हैं मिलने की जगह।
पर फिर भी,
इस स्क्रीन के पीछे एक दिल धड़कता है,
जो पुराने पलों को अब भी तरसता है।
अगर तू कह दे तो आज भी मिलने आ जाएंगे,
क्योंकि सच्चे दोस्त कभी "Outdated" नहीं हो जाते भाई!
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