कविता: हम मोहब्बत से चलते जाएंगे
कविता: हम मोहब्बत से चलते जाएंगे
_राकेश प्रजापति
आप दुनिया को ठुकराते जाएंगे,
हम सभी को गले से लगाते जाएंगे,
आप रिश्ते तोड़ते जाएंगे,
तो हम प्यार-मोहब्बत से कड़ियाँ जोड़ते जाएंगे।
आप नफ़रत की चादर ओढ़ लीजिए,
हम दिलों पर अपनापन बिछाते जाएंगे,
आप चाहे जितनी दूरी बनाएं,
हम हर कदम पास आते जाएंगे।
आप हर बार आंसू छोड़िए,
हम मुस्कानों से चेहरे सजाते जाएंगे,
आप बंद कर लीजिए दरवाज़े,
हम हर दिल में खिड़कियाँ बनाते जाएंगे।
आप अगर ठुकराएं हर वादा,
हम वफ़ा की मिसालें बनाते जाएंगे,
आप चाहे जितना भी तोड़ें भरोसा,
हम फिर भी मोहब्बत निभाते जाएंगे।
आप कांटे बिछाइए राहों में,
हम फूलों से रास्ते सजाते जाएंगे,
क्योंकि ये दिल नफ़रत से नहीं डरता,
हम प्यार का परचम लहराते जाएंगे।

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