हमेशा याद आने वाली गांव की कसक दर्द भरी शायरी कविता पढ़ें
सस्ते में मत बिकना
✓वो पीपल का पेड़ याद है आज भी,
छांव में बैठकर तेरा इंतज़ार किया था दिल से तभी।
हवा की हर सरसराहट में तेरा नाम सुना,
पहली मोहब्बत का वो जादू — याद है आज भी। 🌬️💞
✓धनुष से निकला तीर वापस नहीं होता,
पहला प्यार भी कभी झूठा नहीं होता।
जिसे दिल ने एक बार सच्चा माना हो,
वो चाहे दूर हो जाए, पर पराया नहीं होता।
✓वो पीपल का पेड़ अब भी वहीं है, मगर तू नहीं,
पर हर पत्ता तेरे लम्हों की कहानी कहता है कहीं।
ना तुझे पाया, ना तुझे खोया, बस महसूस किया,
पहली मोहब्बत थी, इसलिए सबसे सच्चा लगती है आज भी। 🌳💔
✓धनुष से निकला तीर लौट नहीं सकता,
जैसे पहला प्यार — कोई खेल नहीं होता।
वो पहली मुस्कान, पहली नज़र, पहली बात,
ज़िंदगी भर दिल के सबसे पास होता।
✓यादें तो वक्त के साथ धुंधली हो जाएंगी,
पर मेरी मोहब्बत को वक्त के हवाले मत करना।
मैं गया तो जाऊँ, ये रिवायत है दुनिया की,
पर मेरी वफ़ा को यूँ सस्ते में मत बिकना।
✓आँसू किताब पर गिराना मत,
दिल टूटे तो भी कहानी अधूरी बताना मत।
अगर कभी नाम मेरा आए दिल में चुपके से,
तो उसे कोई गुज़रा पल समझकर भुलाना मत।
✓प्यार ज़रूरी नहीं, निभाना भी नहीं,
बस इतना कह देना कि नाराज़ नहीं।
तेरे बिना जी लेंगे, आदत बना लेंगे,
पर तेरी ख़ामोशी से डर बहुत लगता है कहीं।
✓प्यार न सही, पर फरेब भी न दो,
खामोश रहो, मगर झूठे ख्वाब तो न बुनो।
शिकायत नहीं है मोहब्बत से मुझे,
बस मोहब्बत के नाम पर सौदा तो न करो।
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