"रोमांटिक शायरी ROMANTIC SHAYRI " तू ही नहीं आईं शायरी HINDI ME PADHE
मैं ये दिल हार बैठा हूं
इधर मैं बीमार बैठा हूं
तू ही नहीं आईं
मैं कब से तैयार बैठा हूं
इधर उधर भटक मत
थोड़ा पास मेरे बैठ
तू है मेरी जाने जिगर
सौ सौ बार कहता हू
तू बाग बाग ढूंढती है थोड़ा सा रस पीने को
तितली बनकर घूमती है बदल बदल रंग
मैं काले रंग का भौंरा हूं मुझे ढूंढ मत
हर फूल हर कली तेरे पास रहता हूं
तेरी राहों में नजरें बिछाए बैठा हूं,
तेरे वादों पे दिल लगाए बैठा हूं।
तू ही नहीं आईं, फिर भी उम्मीद लगाए बैठा हूं,
तेरे बिना भी तुझे अपने पास पाए बैठा हूं।
तेरे बिना दिल को तसल्ली न दे पाता हूं,
तेरे ख्यालों में हर रात जाग जाता हूं।
तेरी तस्वीर को सीने से लगाता हूं,
तेरे बिना भी तुझसे ही बातें करता हूं।
तेरी हंसी का जादू दिल में बसाता हूं,
तेरे नखरों पे हर पल मैं मरता हूं।
तेरे कदमों की आहट को सुनता हूं,
तेरी राहों में खुद को ही खोता हूं।
तेरे बिना हर लम्हा उदास बैठा हूं,
तेरी यादों में खुद को डुबाए बैठा हूं।
तेरे आने की आस में दिल सजाए बैठा हूं,
तेरे बिना ये दुनिया खाली सा पाए बैठा हूं।
ये दिल हार बैठा हूं
इधर मैं बीमार बैठा हूं
तू ही नहीं आईं
मैं कब से तैयार बैठा हूं
***राकेश प्रजापति***
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