दारू वाली शायरी ,DARU WALI SHAYRI PADHE HINDI ME
BEST DARU WALI SHARYRI
गजब आदमी है
दारू पीकर छत पे खड़ा है, गजब आदमी है
छोटी बात पर पड़ा है पीछे, गजब आदमी है
कभी हँसता है ज़ोर से, कभी रोता है अकेले
दिल टूटा है या है कोई खेल, गजब आदमी है
दो पैग में दुनिया को बदलने निकल पड़ता है
हर बात पे करता है दिल से, गजब आदमी है
नशे में भी याद रखे हिसाब पुराना
दोस्ती निभाए, दुश्मनी निभाए, गजब आदमी है
चलते-चलते ठोकर भी खा जाए तो हँस देता है,
अपनी ही हालत पर ताली बजा देता है, गजब आदमी है।
सिगरेट के धुएँ में सपने सजाता है,
पर हकीकत से हमेशा लड़ जाता है, गजब आदमी है।
सड़कों को ही महफ़िल बना लेता है,
दोस्तों संग हर ग़म भुला लेता है, गजब आदमी है।
खाली जेब भी शान से दिखाता है,
उधार में भी जश्न मनाता है, गजब आदमी है।
दिल बड़ा है, सोच है छोटी-मोटी,
फिर भी सबको हँसा जाता है, गजब आदमी है।
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