मुझे कोई बताएगा प्यार करने वाले को अक्सर धोखा क्यों मिलता है | Sad Shayari
यह रोमांटिक कविता प्यार और धोखे की हकीकत को बयां करती है। सच्चे इश्क़, अधूरे सपनों और तन्हाई में छुपे जज़्बातों को पढ़कर आपका दिल जरूर छू जाएगा।
मुझे कोई बताएगा प्यार करने वाले को अक्सर धोखा क्यों मिलता है,
सब कुछ सामने होकर भी इंसान अपने खाली हाथ क्यों मलता है।
दिल की दुनिया सजाते हैं हम अपने ख्वाबों से,
पर अक्सर जुदाई में आँखों का पानी छलकता है।
हर मुस्कान में छुपा होता है एक दर्द का हिस्सा,
जिसे देख हर कोई दिल ही दिल में थम जाता है।
वो जो हमें अपना कहते हैं, पर दूर चले जाते हैं,
हमारी तन्हाई में उनकी यादें पल पल फिसलता है।
फिर भी मोहब्बत की राहों में दिल क्यों टूटता है,
हर धोखे के बाद भी इश्क़ का दीपक क्यों जलता है।
जिसे अपना समझा उसी से जुदाई क्यों मिलती है,
सपनों की दुनिया में तन्हाई ही क्यों पलता है।।
दिल की किताब में हर लफ्ज़ मोहब्बत ही लिखते हैं,
फिर भी हक़ीक़त में रिश्ता अक्सर क्यों छलता है।।
हाथों की लकीरों में चाहत भले लिखी हो,
मगर साथ निभाने वाला बीच राहों में क्यों बदलता है।।
फिर भी इश्क़ करने वाला हार मानता कहाँ है,
वो टूटकर भी किसी का इंतज़ार क्यों करता है।।
शायद मोहब्बत का यही सच है, यही उसकी रीत है,
जो दिल से निभाए वही अक्सर आँसुओं में ढलता है।।
फूलों की तरह चाहत में रंग तो भर जाते हैं,
पर वक़्त की आँधियों में ख्वाब क्यों बिखरता है।।
वो चाँदनी रातें, वो अधूरी मुलाक़ातें,
यादों के झरोखों से हर रोज़ दिल क्यों बहलता है।।
जिसे आंखों में सजाया, वही पराया हो जाता है,
दिल की लगी से फिर सीना क्यों जलता है।।
फिर भी मोहब्बत का नशा उतरे कहाँ आसानी से,
दिल टूटकर भी उसी के ख़यालों में क्यों मचलता है।।
शायद इश्क़ की दुनिया ही ऐसी अद्भुत होती है,
जहाँ धोखा भी लगे प्यारा और दर्द भी संवरता है।।
दिल की किताब में हमने सिर्फ़ उसका नाम लिखा,
साँसों की दुआओं में हर रोज़ वही पलता है।।
जिसे अपना कहकर हमने खुदा से माँगा,
वो बीच राह छोड़कर क्यों बदलता है।।
निगाहों से बंधा वो चेहरा अब भी ख्वाबों में है,
पर हक़ीक़त में वो चेहरा दूर ही निकलता है।।
रात की तन्हाई में उसकी हँसी याद आती है,
सपनों की भीड़ में उसका साया ही मचलता है।।
कभी रूठना, कभी मनाना, यही इश्क़ की रस्म रही,
मगर धोखे के बाद भी दिल क्यों बहलता है।।
शायद मोहब्बत का सच ही कुछ ऐसा होता है,
जहाँ दर्द में भी आशिक़ को सुकून सा मिलता है।।
वो चाहे बेवफ़ा हो, दिल फिर भी उसी का हो जाता है,
क्योंकि सच्चा प्यार तो टूटकर भी सिर्फ़ उसी पर ढलता है।।

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