ये ऐसा कैसा चाँद है?"BEST KANCH KA CHAND SHAYRI PADHE HINDI ME । Sad Shayari
PADHE KANCH KA CHAND KAVITA WALI SHAYRI
"ये कैसा चाँद है?"
✍️ राकेश प्रजापति
जब इश्क़ सर चढ़ता है,
तो चाँद पर दाग़ नज़र नहीं आता।
पर जब दिल से उतर जाता है इश्क़,
तो एक चाँद पर सौ दाग़ नज़र आता।
ये कैसा धोखा देता है चाँद,
कभी पूरा तो कभी आधा नज़र आता।
इश्क़ में महबूब लगता है,
पर तन्हाई में जख़्म जैसा चुभ जाता।
जब नजरें मोहब्बत में डूबी हों,
तो चाँद गुलाब सा लगता है।
पर जब जुदाई छा जाए,
तो यही चाँद सैलाब सा लगता है।
ये ऐसा कैसा चाँद है,
हर रात नया चेहरा लाता है।
कभी चुपचाप दिल को बहलाता है,
तो कभी यादों से रुलाता है।
ये ऐसा कैसा चाँद है,
बादल में ढका हुआ चाँद है।
मेकअप लगा के सजा हुआ चाँद है,
रातों की रानी-सा महका हुआ चाँद है।
ये हँसने वाला चाँद है,
टॉफी-सा लगने वाला चाँद है।
कभी छत पे बुलाने वाला चाँद है,
तो कभी खिड़की से झाँकने वाला चाँद है।
ये कुल्फी वाला चाँद है,
मीठी ठंडक का स्वाद लिए चाँद है।
गरीबों वाला चांद है
अमीरों वाला चांद है
सावन वाला चांद है
न हारने वाला चांद है
न थकने वाला चांद है
न रोने वाला चांद
ये दर्द वाला चांद है
ये जलने वाला चांद है
ये कोका कोला वाला चांद है
ये स्प्राइट वाला चांद है
हमेशा हंसने वाला चांद है
ये मजनू वाला चांद है
किसी की तन्हाई में साथी है ये,
दिल चुराने वाला चांद है,
दिल बहलाने वाला चांद है
हमेश अपना वाला चांद है
हमेशा काम आने वाला चांद है
ये सपना दिखाने वाला चाँद है,
हर दिल के करीब आने वाला चाँद है,
पर हाथ न आने वाला चाँद है।
ये तेरा वाला चांद है
वो मेरा वाला चांद है
न जाने क्यों लगता है
ये कांच वाला चांद है
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