"तू चर्चा भी कर, तू तरसा भी कर" । Sad Shayari PADHE KHOOBSURAT लाइन हिंदी में एक खूबसूरत अंदाज में
"तू चर्चा भी कर, तू तरसा भी कर"
✍️ राकेश प्रजापति शैली में
तू चर्चा भी कर, तू तरसा भी कर,
कभी नाम ले के तो रुसवा भी कर।
मैं ठहरा हुआ एक साया सा हूँ,
कभी दूर जा के पास आया भी कर।
तू चुप है तो मैं भी खामोश हूँ,
मगर दिल से दिल की सदा भी कर।
तेरे होंठ कुछ तो बयान करें,
तू इशारों में अपने गिला भी कर।
तू फूलों की तरह खिला है अभी,
मगर मौसमों सा बदल भी रहा।
जो चाहा था तूने मुकम्मल कभी,
उसे आधा तोड़, अधूरा बना भी कर।
मैं तन्हा सही, पर वफ़ा में ग़रीब नहीं,
तू बेवफ़ा है तो सौदा वफा भी कर।
मैं रह जाऊँ सिसकते कागज़ सा,
तू आग लगे तो हवा भी कर।
तू चर्चा भी कर, तू तरसा भी कर,
मुझे याद करके सज़ा भी कर।
तेरे नाम पर ही चलती है साँसें,
तू इन साँसों में दगा भी कर।
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